दीया कुमारी बोलीं- गर्भवती महिलाओं को दिया जाए न्यूट्री किट:स्वस्थ शिशु के जन्म के लिए गर्भावस्था में पौष्टिकता का रखा जाए ध्यान

गर्भावस्था हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण होता है, जिसमें उसे विशेष देखभाल और पोषण की आवश्यकता होती है। गर्भ में पल रहे शिशु के स्वस्थ विकास के लिए माँ के आहार और जीवनशैली पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजसमंद से सांसद दीया कुमारी ने सरकार से गर्भवती महिलाओं को न्यूट्री किट प्रदान करने की मांग की है, ताकि गर्भवती महिलाओं को आवश्यक पोषण मिल सके और वे एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकें।

गर्भावस्था में पोषण का महत्व

गर्भवती महिलाओं को अपने और अपने गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी होता है। पोषण की कमी से शिशु का संपूर्ण विकास प्रभावित हो सकता है और माँ को भी कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान शरीर को आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड, विटामिन डी, प्रोटीन, और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। अगर इन पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं होती, तो इससे माँ और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है।

न्यूट्री किट की आवश्यकता क्यों?

दीया कुमारी ने न्यूट्री किट देने की वकालत करते हुए बताया कि यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए बेहद लाभदायक हो सकती है। गरीब और वंचित वर्ग की महिलाएँ अक्सर सही आहार नहीं ले पाती हैं, जिससे उनके गर्भस्थ शिशु का विकास बाधित होता है। न्यूट्री किट में आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ, विटामिन सप्लीमेंट्स और आयरन व कैल्शियम की गोलियाँ होनी चाहिए, ताकि महिलाओं को उचित पोषण मिल सके।

न्यूट्री किट में क्या-क्या होना चाहिए?

  1. आयरन और फोलिक एसिड की गोलियाँ: ये शिशु के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
  2. कैल्शियम सप्लीमेंट: हड्डियों को मजबूत करने के लिए गर्भवती महिलाओं को इसकी जरूरत होती है।
  3. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: जैसे मूंगफली, बादाम, चना, और दालें, जो मांसपेशियों और ऊतकों के निर्माण में सहायक होते हैं।
  4. दूध और दुग्ध उत्पाद: दूध, पनीर, और दही जैसे उत्पाद कैल्शियम और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं।
  5. हरी पत्तेदार सब्जियाँ और फल: यह फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं और पाचन को दुरुस्त रखते हैं।
  6. ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ: यह शिशु के मस्तिष्क विकास में मदद करता है।
  7. गुड़ और चना: यह आयरन का अच्छा स्रोत होता है और हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में सहायक होता है।
  8. ड्राई फ्रूट्स: काजू, बादाम, अखरोट, अंजीर आदि गर्भावस्था के दौरान ऊर्जा और पोषण का अच्छा स्रोत होते हैं।

सरकार द्वारा मौजूदा योजनाएँ और उनकी सीमाएँ

भारत सरकार और राज्य सरकारें गर्भवती महिलाओं के लिए कई योजनाएँ चला रही हैं, जैसे:

  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY): इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है।
  • आंगनवाड़ी सेवाएँ: गर्भवती महिलाओं को भोजन और स्वास्थ्य जांच की सुविधा दी जाती है।
  • जननी सुरक्षा योजना: इसमें संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सहायता दी जाती है।

हालांकि, कई बार इन योजनाओं के बावजूद भी कुपोषण की समस्या बनी रहती है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी, स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित उपलब्धता और उचित पोषण की जानकारी का अभाव इसकी मुख्य वजहें हैं।

न्यूट्री किट से होने वाले लाभ

न्यूट्री किट देने से गर्भवती महिलाओं को निम्नलिखित लाभ मिल सकते हैं:

  • गर्भावस्था के दौरान बेहतर स्वास्थ्य: पोषणयुक्त आहार से माँ और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
  • कुपोषण की समस्या में कमी: गरीब और वंचित वर्ग की महिलाओं को सही पोषण मिल सकेगा।
  • स्वस्थ शिशु का जन्म: शिशु के संपूर्ण विकास में मदद मिलेगी और जन्म के समय कम वजन की समस्या नहीं होगी।
  • गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं में कमी: सही पोषण से एनीमिया, हाई ब्लड प्रेशर, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में कमी आएगी।

दीया कुमारी का आग्रह और सरकार की भूमिका

दीया कुमारी ने सरकार से आग्रह किया है कि गर्भवती महिलाओं को न्यूट्री किट देने की योजना को जल्द से जल्द लागू किया जाए। यह योजना विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए फायदेमंद होगी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और सही पोषण नहीं ले पाती हैं। उन्होंने सरकार से इस विषय पर गहन विचार करने और इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की अपील की है।

सरकार यदि इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करती है, तो यह मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने में सहायक सिद्ध हो सकती है। साथ ही, यह समाज में जागरूकता बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

निष्कर्ष

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए सही पोषण आवश्यक है। न्यूट्री किट जैसी पहल से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि हर गर्भवती महिला को आवश्यक पोषण मिले और वह एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सके। दीया कुमारी द्वारा की गई यह मांग न केवल समय की जरूरत है, बल्कि यह मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य को लेकर सरकार की जिम्मेदारी भी है। अगर सरकार इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करती है, तो यह महिलाओं और बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।

 

Leave a Comment